दुनिया मे कोइ न ऐसा है, जो बिल्कुल तेरे जैसा है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
तेरे नन्हे कोमल हाथो ने
मुझको जब पहली बार छूआ
अह्सास यह अब मै भी मा हू
यह मुझको पहली बार हुआ
तुझे देख के मन कुछ कह्ता है , नही दुनिया मे कोइ ऐसा है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
तुने नन्ही अंखियां जब खोली
मानो मम्ता से वो बोली
मा दूर न मुझसे तुम रहना
अब जी न सकूंगा मै वर्ना
आंखो की भाशा कह्ता है , और दिल मे मेरे रह्ता है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
तू नन्हा दिल नन्ही जान था
सारी दुनीया से तू अन्जान था
बस मै ही दुनीया थी तेरी
पर कब सुनता था तू मेरी
तू आज भी पहले जैसा है, नही दुनिया मे कोइ ऐसा है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
धरती पर जब तूने कदम रखा
मानो कान्हा का तू हो सखा
तू डगमग ऐसे चलता था
बडी मोहक थी वो तेरी अदा
तेरा चेहरा मासूम जैसा है , नही दुनिया मे कोइ ऐसा है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
तूने पूरे सब अरमान किए
मुझ पर कितने अह्सान किए
मुझे मा का गौरव दिलवाया
फिर जननी कहकर मिलवाया
मैं धन्य हुइ कोइ ऐसा है , जो बिल्कुल मेरे जैसा है
जब तू मुझको मा कहता है , मेरा रोम रोम कुछ कहता है
Written by My Mother
Smt . Veena Aggarwal
6 comments:
vahut vadiya boss...
lovely poem bro ...
give my regards to ur Mom for this amazing post ...
oh n yeah, she's as lucky to have u as her son as u r to have her :)
hands down in front of this poem!!!
this beats every damn literary piece.....
it reinforced my belief that hindi is what evokes the feelings.....English can never replace it.....count me as well in ur mom's fans.....if possible put a few more...
(lagtaa hai maa beta literary world mein kahar machaa denge)
Heart touching one!!!
Amazing Aunty ! :)
Being a girl (even I dream)
I can feel what it would be like when a child born
Thanks for sharing this poem...
Thanks somyaa....this is just one of her works..she has got her book published ....will try posting more works of her heree......thanks for showering praise on my mummy...keep coming back to ambrosia ....
Post a Comment